बौद्ध साहित्य सम्मेलन में
*भाषा विज्ञान : व्यतिरेकी विश्लेषण* पुस्तक का लोकार्पण
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विगत 22 जुलाई 2018 को परभणी के सांस्कृतिक विरासत को गौरवान्वित करने वाले ऐतिहासिक पांचवे बौद्ध साहित्य संमेलन का अविस्मरणीय आयोजन किया गया।
यह साहित्य सम्मेलन ग्रंथयात्रा, शोभायात्रा, बुद्ध की वेशभूषा तथा बुद्धकालीन लोकजीवन को जीवंत करनेवालली सजीव झांकी जैसे उपक्रमों के कारण सदैव स्मरण रहेगा उसी प्रकारयह सम्मेलन वैचारिक मंथन के कारण भी अविस्मरणीय रहा। ऐसे भव्य आयोजन में मुझे अपनी पाँचवी पुस्तक का लोकर्पण करने का सुअवसर प्राप्त हुआ। *भाषा विज्ञान तथा व्यतिरेकी विश्लेषण* जैसे चुनौतिपूर्ण विषयपर लिखी यह छात्रोपयोगी पुस्तक है। इसका लोकपर्णन साहित्य सम्मेलन जैसे बडे मंच पर होने के आनंद को शब्दों में बयान नहीं कर सकता। जेष्ठ मराठी लेखक तथा पांचवे बौद्ध साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष योगीराज वाघमारे (सोलापुर)तथा उद्घाटक पूर्व सांसद एकनाथ गायकवाड (मुंबई)सम्मेलन के स्वागताध्यक्ष सिद्धार्थ हत्तीअंबिरे, प्राचार्य डॉ.कमलाकर कांबळे,मा.सुरेश वरपुडकर, समाजभूषण भीमराव हत्तीअंबिरे के करकमलों से पुस्तक का विमोचन हुआ। *कानपुर उत्तर प्रदेश के श्रीराम प्रकाशन* द्वारा प्रकाशित यह पुस्तक भाषा विज्ञान में रूचि और जिज्ञासा रखने वालों के लिए निसंदेह सहायक सिद्ध होगी। अपनी छात्रावस्थासे ही मुझे इस विषय में रूचि थी। इस रूचि का ही परिणाम है कि इसे मैं पुस्तकरूपाकार दे पाया। इस बृहद् कार्य के लिए मुझे प्रेरित करनेवाले मेरे हितैषियों का तथा सहयोगियों के प्रति मैं आभार व्यक्त करता हूँ।
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प्रा.डॉ.संजय जाधव, परभणी
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विगत 22 जुलाई 2018 को परभणी के सांस्कृतिक विरासत को गौरवान्वित करने वाले ऐतिहासिक पांचवे बौद्ध साहित्य संमेलन का अविस्मरणीय आयोजन किया गया।
यह साहित्य सम्मेलन ग्रंथयात्रा, शोभायात्रा, बुद्ध की वेशभूषा तथा बुद्धकालीन लोकजीवन को जीवंत करनेवालली सजीव झांकी जैसे उपक्रमों के कारण सदैव स्मरण रहेगा उसी प्रकारयह सम्मेलन वैचारिक मंथन के कारण भी अविस्मरणीय रहा। ऐसे भव्य आयोजन में मुझे अपनी पाँचवी पुस्तक का लोकर्पण करने का सुअवसर प्राप्त हुआ। *भाषा विज्ञान तथा व्यतिरेकी विश्लेषण* जैसे चुनौतिपूर्ण विषयपर लिखी यह छात्रोपयोगी पुस्तक है। इसका लोकपर्णन साहित्य सम्मेलन जैसे बडे मंच पर होने के आनंद को शब्दों में बयान नहीं कर सकता। जेष्ठ मराठी लेखक तथा पांचवे बौद्ध साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष योगीराज वाघमारे (सोलापुर)तथा उद्घाटक पूर्व सांसद एकनाथ गायकवाड (मुंबई)सम्मेलन के स्वागताध्यक्ष सिद्धार्थ हत्तीअंबिरे, प्राचार्य डॉ.कमलाकर कांबळे,मा.सुरेश वरपुडकर, समाजभूषण भीमराव हत्तीअंबिरे के करकमलों से पुस्तक का विमोचन हुआ। *कानपुर उत्तर प्रदेश के श्रीराम प्रकाशन* द्वारा प्रकाशित यह पुस्तक भाषा विज्ञान में रूचि और जिज्ञासा रखने वालों के लिए निसंदेह सहायक सिद्ध होगी। अपनी छात्रावस्थासे ही मुझे इस विषय में रूचि थी। इस रूचि का ही परिणाम है कि इसे मैं पुस्तकरूपाकार दे पाया। इस बृहद् कार्य के लिए मुझे प्रेरित करनेवाले मेरे हितैषियों का तथा सहयोगियों के प्रति मैं आभार व्यक्त करता हूँ।
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प्रा.डॉ.संजय जाधव, परभणी
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